Advertisement

Responsive Advertisement

असम के काजीरंगा में AI द्बारा लुप्तप्राय 43 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित पहली पक्षी जनगणना की सराहना की जिसमें लुप्तप्राय प्रजातियों सहित 43 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जनगणना दर्शाती है कि किस प्रकार मानव प्रयास और प्रौद्योगिकी प्रकृति संरक्षण को आगे बढ़ाने में चमत्कार कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 124वें संस्करण में कहा, "यह जानना बहुत दिलचस्प है कि हमारे आसपास पक्षियों की कौन सी प्रजातियां रहती हैं। हाल ही में असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ऐसा ही एक शानदार प्रयास किया गया है।"

उन्होंने कहा, "यदि आपसे पूछा जाए कि आपके आस-पास कितने प्रकार के पक्षी हैं, तो आप क्या कहेंगे? शायद मैं प्रतिदिन पांच से छह पक्षी देखता हूं - कुछ परिचित, कुछ अपरिचित।"

दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षियों की छिपी हुई दुनिया चुपचाप उस क्षेत्र में पनप रही है जो अपने एक सींग वाले गैंडों, शाही बंगाल बाघों और हाथियों के लिए प्रसिद्ध है।

काजीरंगा में इस गणना के कारण, पक्षियों की 40 से ज़्यादा प्रजातियों की पहचान की गई है। इनमें कई दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं। इतने सारे पक्षियों की पहचान AI तकनीक की कमाल हैं।" एआई का इस्तेमाल करके पक्षियों को सिर्फ़ उनकी आवाज़ से पहचाना गया - वो भी उन्हें परेशान किए बिना।

प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात संबोधन के बाद, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि काजीरंगा ग्रासलैंड बर्ड सर्वे में असम के राष्ट्रीय उद्यान के घास के मैदानों में 43 पक्षी प्रजातियां पाई गई हैं, जो इसकी समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती हैं।

असम के मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, "घास के विशाल मैदानों के बीच छोटे पक्षियों की खोज करना घास के ढेर में सुई खोजने के समान है, लेकिन तकनीक के साथ मिलकर मानवीय दृढ़ संकल्प ने काजीरंगा में पहले घास के मैदान पक्षी सर्वेक्षण में इसे संभव बना दिया है।"

सरमा ने कहा, "जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में बताया, काजीरंगा की सुंदरता अद्वितीय है और इसमें ऐसी प्रजातियां सुरक्षित रूप से मौजूद हैं जो विश्वभर में लुप्तप्राय हैं।"

इस वर्ष 18 मार्च से 25 मई के बीच वन्यजीव शोधकर्ताओं ने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा में 185 घास के मैदानों का सर्वेक्षण किया।

(एएनआई)

Post a Comment

0 Comments